Saturday, 5 June 2021

शौक का रंग बुझ गया , या यादों के ज़ख्म भर गए ! क्या ख़्वाब तेरी पूरी हो चुकी ,या मेरे दिन गुज़र गए !!

BY The Golden Note IN , , No comments


मैंने चाहा था कभी , ज़ख़्म भर जायें मेरे !
और आज , ज़ख़्म ही ज़ख़्म भर गए मुझमें !!
💞💔

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शौक का रंग बुझ गया , या यादों के ज़ख्म भर गए !
क्या ख़्वाब तेरी पूरी हो चुकी ,या मेरे दिन गुज़र गए !!
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