...ये मयकाने सी आंखें राज़ ए दिल बयां कर जाती है।
अशफ़ाक नज़रों से भी शबनम, हया ,बेरुखी दिखा जाती है।।
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#goingthrough
...love , support , feedback
@the_golden_note
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ये जो आंखों के मयकाने खोल रखे हैं,
तुमने तो सारे ज़माने इनमें डुबो रखे हैं।
तलब बुझती नहीं इस नामुराद दिल की,
तुमने इनमें गहरे सुरमे जो पिरो रखे हैं।
आशिक़ी - ए - हया हमें भी तो पता हो,
तुमने बिसात जो ऐसी बिछा रखे है।
तक़दीर खुले भी तो कैसे हम रकीबों की,
जाम पे जान हम भी तो टिकाए रखे हैं
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