Friday, 21 August 2020

बेबस सी धड़कनें यूं थम सी गईं, मुंतशिर में जैसे इक अक्स सी मिल गई ।.......... ..... ................. कश्मकश में यूं जब निगाहें उठाई हमने,नज़रें उनकी सोलह श्रृंगार पर अटक गई ।।

BY The Golden Note IN , , No comments


...उनके श्रृंगार की तारीफ़ का खुदा गवाह है!
हम इधर के ना रहे ना उधर के ये, कल ही की बात है !!

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बेबस सी धड़कनें यूं थम सी गईं,

मुंतशिर में जैसे इक अक्स सी मिल गई ।


कश्मकश में यूं जब निगाहें उठाई हमने,

नज़रें उनकी सोलह श्रृंगार पर अटक गई ।।


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