Sunday, 30 January 2022

तुम्हें सोच कर जो , हासिल होता था अक्सर, सपनों में भी ख़लल , अब कम पड़ता है .....❤️💔

BY The Golden Note IN , , , No comments


किसी से बिछड़कर कौन रह सका है , इस कायनात में ,
बिना पतवार की कश्ती भी , कभी किनारा ले ही लेती है !!
❤️💔



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Pic Courtsey : Printrest

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तुम्हें सोच कर जो , हासिल होता था अक्सर,
सपनों में भी ख़लल , अब कम पड़ता है !!

तुम तो प्रीत को मेरे , भूल ही गए मोहसिन ,
ख़ैर छोड़ो ! दिल में दर्द भी मेरे , अब कम होता है !!

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